- सायबर सुरक्षा का एक ही मंत्र है, जागरूकता- डॉ कपूर एडीजी
शाजापुर में सायबर सुरक्षा को लेकर शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की कार्यशाला संपन्न
शाजापुर। सायबर सुरक्षा एक ही मंत्र है वह है जागरूता। यह बात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ वरूण कपूर ने मंगलवार को शाजापुर में संपन्न हुई सायबर सुरक्षा को लेकर शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की कार्यशाला में कही। इस दौरान कलेक्टर दिनेश जैन एवं पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर भी मौजूद रहे। एडीजी डॉ कपूर ने कार्यशाला में कहा कि मोबाईल एक ऐसा डिवाईस है जो हमेशा आपके साथ रहता है। दिखने में यह डिवाईस छोटा है, लेकिन बड़ा महत्वपूर्ण है। अधिकतर सायबर क्राईम इसी डिवाईस के माध्यम से हो रहे हैं। इसके लिए सभी को सतर्क एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है। वर्तमान में साईबर सुरक्षा बड़ी चुनौती है, इससे होने वाले क्राईम का खतरा 24 घण्टे बना रहता है। सायबर क्राईम से बचने के लिए मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। कोई भी पोस्ट पर एकदम से विश्वास नहीं करें। सोशल मीडिया से या अन्य माध्यमों से आने वाली 70 प्रतिशत जानकारी फेक होती है, जो जानकारी प्राप्त हो रही है उसे फैक्टचेक टूल से पहले सत्यता का पता लगाएं। उन्होने कहा कि डिवाईस और आपके बीच दूसरा कोई भी व्यक्ति सुरक्षा के लिए नहीं आ सकता। सुरक्षा स्वयं को करना होगी। अनजान व्यक्ति से प्राप्त होने वाले कोई भी लिंक या मैसेज नहीं खोलें। सायबर क्राईम के लिए व्यक्ति की स्वयं गलती होती है। यदि वह किसी को ओटीपी नहीं बताए। जानकारी नहीं दे या अवांछित लिंक नहीं खोले तो वह सुरक्षित रह सकता है। सुरक्षा को एक आदत बनाएं, इसका कोई विकल्प नहीं है। सायबर क्राईम का आधार सूचना होता है, इसे रोकना स्वयं का काम है इसलिए सर्तक रहें। सायबर वल्र्ड एक अदृश्य खतरा है। दिखने वाले खतरे से तो हम मुकाबला कर सकते हैं, किन्तु अदृश्य खतरे से बचने के लिए सुरक्षा एवं जागरूकता ही बचाव का एकमात्र हथियार है। भूलकर भी कोई व्यक्ति गलती न करें। सायबर क्राईम के अनेक तरीके हो सकते हैं। अवांछित पोस्ट को दूसरे को भेजना भी क्राईम होता है। इस खतरे से बच्चों को भी बचाना है। अत: सभी प्राचार्य अपने विद्यालयों में जाकर सायबर क्राईम से बच्चों को सतर्क करें एवं जागरूक बनाएं। इस मौके पर उन्होने कम्यूनिकेशन और सोशल नेटवर्किंग में अंतर, डिजिटल फुटप्रिंट, सोशल क्राईम्स, सायबर बुलिंग, फिशिंग एप्प, सायबर स्टेकिंग के संबंध में बताया। साथ ही कई उदाहरण देकर हुए सायबर अपराधों की जानकारी भी दी। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में एडीजी डॉ कपूर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। उन्होने कहा कि शाजापुर में सायबर सुरक्षा को लेकर आयोजित हुई यह कार्यशाला लाभदायक होगी। सभी प्राचार्य सायबर सुरक्षा के बारे में सतर्क एवं जागरूक बनकर विद्यार्थियों को भी जागरूक करें। वहीं पुलिस अधीक्षक डावर ने कहा कि टेक्नॉलाजी में नीत-नए परिवर्तन हो रहे हैं। सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग होने से इसके दुरूपयोग की संभावना बढ़ गई है। वर्तमान में मोबाईल के उपयोग से कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं, इसलिए जागरूक रहना आवश्यक है। उन्होने प्राचार्य से कहा कि कार्यशाला में बताई जा रही सावधानियों को अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचाएं।