नेशनल वेबिनार में 11विश्वविद्यालयों एवं 6 राज्यों के विद्वानों ने की सहभागिता
मोहन बड़ोदिया। स्थानीय शासकीय महाविद्यालय में मध्यप्रदेश, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 के क्रियान्वयन की चुनौतियों पर प्रायोजित राष्ट्रीय वेबिनार में 6 राज्यों से 11विश्वविद्यालयों के विद्वानों ने सहभागिता की।
प्राचार्य डॉ. बी. एस. विभूति ने राष्ट्रीय वेबिनार की शुरुआत में इस आयोजन के लक्ष्य एवं आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताओ का वर्णन करते हुए इसकी व्यावहारिक चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया, साथ ही यह भी बतलाया कि किसी नीति के मूल्यांकन के लिये दो वर्ष का समय काफ़ी नहीं होता। वेबिनार के बीज वक्ता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के डॉ. अजय कुमार एवं मुख्य वक्ता राजीव गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, इटानगर, अरुणाचल प्रदेश के डॉ. अभयकांत थे।
कार्यक्रम के विशिष्ठ वक्ता इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, अमरकंटक के डॉ. उदय सिंह राजपूत, बी. के. एस, एन. कॉलेज के डॉ. अरुण कुमार बोड़ाने, गवर्नमेंट कॉलेज, सोयत, आगर-मालवा की डॉ. सविता यादव, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, गुरुग्राम की डॉ. सुनिता देवी खर्ब, गवर्नमेंट कॉलेज, राऊ के डॉ. दिनेश चंद्र राठी एवं राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ. नलिन सिंह पंवार थे। शोध -पत्र वाचन सत्र में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की डॉ. मीरा खंडेलवाल, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय,विलासपुर की डॉ. पल्लवी नंदी, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के डॉ. विजय मंडराह, मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के डॉ. राजेश चलिकवार, विक्रम विश्वविद्यालय अध्ययनशाला के डॉ. शिव कुशवाह, डॉ. जितेन्द्र शर्मा, डॉ वंदना पंडित, गवर्नमेंट कॉलेज, बडोद की डॉ. वंदना शर्मा ने अपना पत्र प्रस्तुत किया। महाविद्यालय से श्रीमती सौम्या सिंह तोमर, डॉ. राजकुमार सूत्रकार, डॉ. वंदना मंडोर, डॉ. केशव शर्मा, डॉ. अंजनी कुमार तिवारी, गोपाल वर्मा एवं अभय भोंसले ने भी अपना शोध -पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अंजनी कुमार तिवारी ने वेबिनार का संचालन किया और आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ की संयोजक श्रीमती सौम्या सिंह तोमर ने आभार व्यक्त किया।