जैनाचार्यों ने किया प्रवेश, दीक्षार्थी ने किया वर्षीदान झूमते-नाचते हुए किया प्रतिष्ठा महोत्सव का श्रीगणेश
शाजापुर। जय, जय श्रीआदिनाथ के शंखनाद से गगन गूंजायमान करते हुए महावीर के वंशजों का जन सैलाब जब शनिवार को शहर की सडक़ों से निकला तो जनजन का मन जैनम् जयति शासनम् के भावों से आत्मविभोर हो उठा। अवसर था नगर की धन्य धरा पर निर्मित देवविमान तूल्य श्रीसिद्धांचल वीरमणी तीर्थधाम के भव्यातिभव्य प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ प्रसंग पर परम जैनाचार्य श्रीमद्विजय वीररत्न सूरीश्वरजी महाराजा तथा जैनाचार्य श्रीमद्विजय पद्मभूषण रत्न विजयजी के ऐतिहासिक मंगल प्रवेश का, जिसमें दीक्षार्थी मुमुक्षु संयमी तिलगोता के वर्षीदान वरघोड़े ने सम्पूर्ण महोत्सव को अविस्मरणीय स्वरूप प्रदान कर दिया। पांच दिवसीय महोत्सव की शुरुआत पर आयोजित विशाल चलसमारोह बस स्टैंड स्थित जीवाजी राव क्लब से प्रारंभ होकर नगर के पाइंट चौराहा, फव्वारा चौराहा, टॉकीज चौराहा, नई सडक़ तथा आजाद चौक होते हुए ओसवालसेरी स्थित जैन उपाश्रय पहुंचकर धर्मसभा के रूप में सम्पन्न हुआ। जहां दीक्षार्थी का शाजापुर जैन समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने धूमधाम से बहुमान किया। इस दौरान दीक्षार्थी संयमी ने भी अपने आगामी संयम जीवन को लेकर विचार समाजजनों से साझा किए। चल समारोह में महिलाएं माथे पर कलश धारणकर और राजस्थानी वेशभूषा पहनकर निकली। वहीं युवाओं की टोलियों ने जैन भजनों पर झूमते नाचते हुए परमात्मा के आगमन का उत्सव मनाया। संचालन सौरभ नारेलिया ने किया तथा आभार मंगल नाहर ने माना।
दिनांक 24 फरवरी से 01 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रथम दिवस शनिवार को जैनाचार्यों की शुभ निश्रा में धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए, जिनमें कुंभ कलश स्थापना, पाटला पूजन, ज्वारा रोपण, तोरण व माणक स्तंभ आरोहण सहित अन्य प्रमुख कार्य विधिकारकों द्वारा दैवीय मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न करवाए गए।