- मलखम्ब के राष्ट्रीय खेलों में शाजापुर का रोशन कर रही है मितोला
दीपक अग्रवाल 9977070200
शाजापुर। मध्यप्रदेश के छोटे से जिले शाजापुर की निवासी चन्द्रिका मितोला मलखम्ब के लिए पहचान बन गई है। मलखम्ब के राष्ट्रीय खेलों में चन्द्रिका मितोला ने दल के साथ अनेक पदक हासिल किए हैं। शाजापुर की रहने वाली चन्द्रिका मितोला पिता राकेश मितोला ने अभावों में रहकर खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। वर्ष 2018 में मलखम्ब की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चन्द्रिका मितोला के दल को द्वितीय, वर्ष 2019 में गोवा में संपन्न हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दल को द्वितीय, वर्ष 2020 में उज्जैन में संपन्न हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दल को द्वितीय, वर्ष 2021 में पंचकुला हरियाणा में संपन्न हुई खेलों इण्डिया यूथ गैम्स में दल को प्रथम, वर्ष 2020 में एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रतियोगिता जो की मथुरा में संपन्न हुई थी जिसमें दल को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। चन्द्रिका को खेल में हासिल उपलब्धियों के आधार पर मध्यप्रदेश शासन के खेल एवं युवा कल्याण संचालक द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत 10 हजार रुपए प्रतिमाह की खेलवृत्ति प्रदान की गई थी। चंद्रिका के पिता स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं। उनकी छोटी सी आय और बच्चों की शिक्षा के भार से परिवार अभावग्रस्त रहता है। वर्तमान में वह स्थानीय बीकेएसएन महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। चंद्रिका को प्रारंभ से ही खेलो की गतिविधियों में रूचि थी। वह जब कक्षा 6 में थी तो उत्कृष्ट विद्यालय में योग सिखने आती थी। योग के प्रति रूचि को देखते हुए योग के शिक्षक गौरव ने उसे मलखम्ब प्रशिक्षक योगेश मालवीय से मिलवाया। इसके बाद उसका प्रशिक्षण का दौर शुरू हुआ और रोप मलखम्ब में भी उसने निपुणता हासिल की। चन्द्रिका ने बताया कि शुरू में उसके माता-पिता खेल में हिस्सा लेने से रोकते थे, किन्तु अब उनकी सोच बदल गई है वे उसे खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। मलखम्ब का प्रशिक्षण उसे द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त योगेश मालवीय से प्राप्त हुआ। साथ ही उसे प्रोत्साहित करने में मलखम्ब खिलाड़ी अमित राठौर, सचिन गवली, लोकेश नायक, सतीश गवली का सराहनीय योगदान रहा।